12 Industrial Smart Cities: 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों की घोषणा: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 28 अगस्त को आयोजित कैबिनेट ब्रीफिंग में औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना सहित कई महत्वपूर्ण फैसला फैसलों की घोषणा की । उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी (12 Industrial Smart Cities) बनाए जाएंगे । यह औद्योगिक शहर भारत सरकार के औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (National Industrial Corridor Development programme) के अंतर्गत स्थापित किए जाएंगे ।
इन औद्योगिक शहरों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगभग 28602 करोड रुपए का निवेश किया जाएगा । इस योजना का विस्तार लगभग 10 राज्यों तक होगा और इसके लिए 6 प्रमुख कॉरिडोर गलियारों के लिए रणनीतिक योजना बनाई जाएगी ।
कौन से होंगे वो औद्योगिक शहर
12 Industrial Smart Cities: ये 12 औद्योगिक स्मार्ट शहर, दस राज्यों में बनाये जायेंगे और ये छह मुख्य औद्योगिक गलियारों (Industrial Corridor) के अन्तर्गत बनाए जाने हैं । इन औद्योगिक शहरों के विकास के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में काम होगा:
- उत्तराखंड: खुरपिया
- पंजाब: राजपुरा-पटियाला
- महाराष्ट्र: दिघी
- केरल: पलक्कड़
- उत्तर प्रदेश: आगरा और प्रयागराज
- बिहार: गया
- तेलंगाना: ज़हीराबाद
- आंध्र प्रदेश: ओरवकल और कोप्पर्थी
- राजस्थान: जोधपुर-पाली
सरकार की दूरदर्शी सोंच
अपने कैबिनेट संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्यों में विनिर्माण संबंधी (Manufacturing Related) उद्योगों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा । केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि सरकार का वक्तव्य है कि यह कदम देश के औद्योगिक प्रदेश को बदलने के लिए तैयार है । इससे औद्योगिक नोड्स एवं शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा, जो आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा ।
रोजगार सृजन और रोजगार की संभावनाएं
12 Industrial Smart Cities: गौरतलब है कि यह कदम रोजगार की संभावनाएं भी पैदा करेगा । सरकार का कहना है कि इस पहल से रोजगार की व्यापक संभावनाएं भी बनेंगी । कुल मिलाकर औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजना लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करेगी । केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में जिक्र किया इस परियोजना से लगभग 30 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी । इनमें बाहरी निवेश के तहत नई नौकरियों का सृजन होगा ।
यह पहल भारत को वैश्विक मूल्य प्रतिस्पर्धा में मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित करेगी । घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए विनिर्माण इकाइयों (मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स) की स्थापना आसान हो, इसके लिए सरकार ने तत्काल भूमि आवंटन जैसे जरूरी कदम भी उठाए हैं ।
इस परियोजना के महत्वपूर्ण पहलू
- इन स्मार्ट सिटियों का निवेश विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ हो रहा है ।
- ये सिटियां ‘प्लग और प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ के सिद्धांतों पर आधारित हैं ।
- इनमें निवेश करने से भारत की जीडीपी में विनिर्माण का हिस्सा बढ़ेगा और नौकरियां बनेंगी ।
- इन स्मार्ट सिटियों के विकास में भाग लेने से भारत की उद्योगिक नेटवर्क की वृद्धि होगी और नौकरियां बढ़ेंगी ।
12 Industrial Smart Cities: यह घोषणा देश के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है । जो नौकरियों का सृजन तो करेगा ही साथ-साथ निवेशकों को भी लाभ पहुंचाएगा । सरकार का मानना है यह पहल “आत्मनिर्भर भारत” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । इस कदम से न केवल औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि रोजगार सृजन में भी वृद्धि होगी । माना जा रहा है कि इससे देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा ।
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