गणेश चतुर्थी 2024 (Ganesh Chaturthi 2024)
Ganesh Chaturthi 2024 : हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक, गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, इस साल पूरे हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। यह भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। आईए जानते हैं, गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) के विशेष महत्व, पूजा तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में
क्या है गणेश चतुर्थी का महत्व?
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है। गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, और यह पर्व दस दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्तगण भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
कब है पूजा की तिथि एवं शुभ मुहूर्त ?
Ganesh Chaturthi 2024: इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर 2024 (शनिवार) को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। 7 सितंबर 2024 (शनिवार) के दिन शुभ मुहूर्त दोपहर 11:03 AM से लेकर 1:34 PM तक रहेगा। शुभ मुहूर्त में ही भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना और पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। गणेश चतुर्थी का समापन, अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ होता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 (मंगलवार) को पड़ रही है।
गणेश चतुर्थी की तैयारियां
गणेश चतुर्थी की तैयारी कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों और पंडालों को सजाते हैं। भगवान गणेश की मूर्तियों को स्थापित करने के लिए अपने घरों या पंडालों में विशेष स्थान तैयार करते हैं। बाजारों में भी गणेश चतुर्थी के लिए विशेष सजावट और विशेष पूजा सामग्री की बिक्री देखने को मिलती है।
गणेश चतुर्थी का उत्सव
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी के दिन, भक्तगण सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और नए वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद वे भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और विधिपूर्वक पूजा करते हैं। पूजा के दौरान भगवान गणेश को मोदक, लड्डू और अन्य मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा, भक्तगण भगवान गणेश के 108 नामों का जाप करते हैं और उनकी आरती करते हैं।
गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी) कब है?
गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ होता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की मूर्तियों को जलाशयों में विसर्जित करते हैं। विसर्जन के दौरान भक्तगण “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के जयकारे लगाते हैं। यह दृश्य अत्यंत भावुक और उल्लासपूर्ण होता है।
गणेश चतुर्थी का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह त्योहार लोगों को एकजुट करता है और समाज में भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। विशेष रूप से महाराष्ट्र में, गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहां के पंडालों में भगवान गणेश की विशाल और भव्य मूर्तियों की स्थापना की जाती है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता
हाल के वर्षों में, गणेश चतुर्थी के दौरान पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोग अब पर्यावरण के अनुकूल गणेश मूर्तियों का उपयोग करने लगे हैं, जो मिट्टी, कागज और अन्य जैविक सामग्री से बनाई जाती हैं। इससे जलाशयों में प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण की सुरक्षा होती है।
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान श्री गणेश के प्रति श्रद्धा भाव और भक्ति भाव का प्रतीक है। हम भगवान गणेश के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण कोअर्पित करते हैं, और भगवान श्री गणेश से उनका आशीर्वाद पाने कीआकांक्षा रखते हैं। भगवान श्री गणेश विघ्नहर्ता हैं, ऐसे में अपने समस्त भक्तों को अपना आशीर्वाद और सौभाग्य प्रदान करते हैं। भगवान गणेशअपने भक्तों परअपनी कृपा बरसाते हैं। गणपति बप्पा मोरया।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण):
प्रस्तुत आलेख (Ganesh Chaturthi 2024) लोक मान्यताओं पर आधारित है, और इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सटीकता या पूर्णता की जिम्मेदारी newsindiaportal.com की नहीं है। इसका अनुसरण करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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