What is Polygraph Test: पॉलीग्राफ़ टेस्ट क्या है ? जानें कब होता है इसका उपयोग

What is Polygraph Test: पॉलीग्राफ टेस्ट, जिसे सामान्यतः “लाई डिटेक्टर टेस्ट” भी कहा जाता है। पॉलीग्राफ़ टेस्ट एक ऐसा उपकरण होता है जो व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापता है, जब वह सवालों के जवाब दे रहा होता है । आईए जानते हैं, पॉलीग्राफ टेस्ट के इतिहास, कार्यप्रणाली, उपयोग, और इसकी विश्वसनीयता के बारे में-

पॉलीग्राफ़ टेस्ट क्या है ?

What is Polygraph Test: पॉलीग्राफ टेस्ट में कई शारीरिक संकेतों को मापा जाता है। जैसे कि रक्तचाप, नाड़ी, श्वसन, और Skin Conductivity । जब व्यक्ति सवालों के जवाब देता है, तो ये संकेतक उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड करते हैं । पॉलीग्राफ टेस्ट का सिद्धांत यह है कि झूठ बोलने पर व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाएं बदल जाती हैं, जिन्हें उपकरण द्वारा मापा जा सकता है।

What is Polygraph Test

 

पॉलीग्राफ टेस्ट का इतिहास

What is Polygraph Test: पॉलीग्राफ टेस्ट का इतिहास 20 वीं सदी की शुरुआत से जुड़ा है। 1921 में, जॉन ए. लार्सन ने पहला आधुनिक पॉलीग्राफ उपकरण विकसित किया। इसके बाद, लियोनार्ड कीलर ने 1930 के दशक में इस उपकरण को और भी बेहतर बनाया। तब से, पॉलीग्राफ टेस्ट का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाने लगा। खास कर कानूनी मामलों में और रोजगार स्क्रीनिंग के मामलों में।

पॉलीग्राफ टेस्ट का उपयोग

  • कानूनी मामलों में पॉलीग्राफ टेस्ट का उपयोग अपराधियों की पूछताछ में किया जाता है। यह जांचने के लिए कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं ।
  • रोजगार स्क्रीनिंगके मामलों में कुछ कंपनियां संवेदनशील पदों के लिए उम्मीदवारों की जांच के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट का उपयोग करती हैं ।
  • पॉलीग्राफ टेस्ट का उपयोग व्यक्तिगत मामलों में भी किया जा सकता है, जैसे कि विवाहिक विवादों में

कितना विश्वसनीय होता है पॉलीग्राफ टेस्ट?

What is Polygraph Test: पॉलीग्राफ टेस्ट की विश्वसनीयता पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। कई वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि पॉलीग्राफ टेस्ट पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं होता है। इसके कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं।

  • हर व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाएं अलग- अलग होती हैं, जिससे परिणामों की सटीकता पर असर पड़ता है ।
  • झूठ बोलने की कला कुछ लोग झूठ बोलने में इतने माहिर होते हैं कि उनकी शारीरिक प्रतिक्रियाएं सामान्य रहती हैं।
  • तनाव और चिंता के कारण निर्दोष व्यक्ति भी पॉलीग्राफ टेस्ट में असफल हो सकते हैं ।

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पॉलीग्राफ़ टेस्ट के फायदे और नुकसान

  • फायदा- त्वरित परिणाम पॉलीग्राफ टेस्ट के परिणाम तुरंत मिल जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि पॉलीग्राफ़ टेस्ट अपराधियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव डाल सकता है, जिससे वे सच बोलने के लिए प्रेरित हो सकते हैं ।
  • नुकसान- विश्वसनीयता की कमी पॉलीग्राफ टेस्ट की सटीकता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं ।

कानूनी मान्यता

कई देशों में पॉलीग्राफ टेस्ट के परिणाम कानूनी रूप से मान्य नहीं होते हैं।

पॉलीग्राफ टेस्ट का भविष्य क्या है?

What is Polygraph Test: भविष्य में, पॉलीग्राफ टेस्ट की तकनीक में और सुधार हो सकता है । नई तकनीकों और अनुसंधानों के माध्यम से इसको और भी सटीक बनाया जा सकता है। इसके अलावा, पॉलीग्राफ टेस्ट के साथ अन्य तकनीकों का संयोजन भी किया जा सकता है, जैसे कि ब्रेन मैपिंग और न्यूरोइमेजिंग। जिससे इसके परिणाम बिल्कुल सटीक आ सकते हैं।

What is Polygraph Test:पॉलीग्राफ टेस्ट एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापता है । हालांकि, इसकी विश्वसनीयता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं । यह महत्वपूर्ण है कि पॉलीग्राफ टेस्ट के परिणामों को अन्य सबूतों के साथ मिलाकर देखा जाए । भविष्य में, इस तकनीक में और सुधार की संभावना है, जिससे इसकी सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ सकती है ।

 

 

 

 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण):

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