जापानी व्यक्ति दाइसुके होरी का अजीबोगरीब दावा: Japanese Man Thrives on 30 Minutes of Sleep Daily for 12 Years is Unbelievable

हाल ही में एक जापानी व्यक्ति, दाइसुके होरी, ने दावा किया है कि वह पिछले 12 वर्षों से केवल 30 मिनट प्रतिदिन सोते हैं। यह दावा सुनने में जितना अजीब लगता है, उतना ही यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। आइये जानते हैं इस अजीबोगरीब नींद की आदत के पीछे के कारणों, इसके प्रभावों और विशेषज्ञों की राय विस्तार से चर्चा

Japanese man “Daisuke Hori” sleeps only for 30 mins daily

दाइसुके होरी, जो कि एक उद्यमी हैं। दाइसुके ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपनी नींद का समय घटा दिया है। उनका मानना है कि कम सोने से उन्हें अपने जीवन को “दोगुना” करने का मौका मिला है। उन्होंने अपने मस्तिष्क और शरीर को इस तरह प्रशिक्षित किया है कि वे केवल 30 मिनट की नींद के बाद भी सामान्य रूप से कार्य कर सकें।

नींद की गुणवत्ता

दाइसुके होरी का कहना है कि नींद की गुणवत्ता नींद की अवधि से अधिक महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि उच्च गुणवत्ता वाली नींद, जिसमें गहरी नींद और रैपिड आई मूवमेंट (REM) नींद शामिल होती है, Cognitive Function, Memory Consolidation और Overall Health के लिए महत्वपूर्ण है। दाइसुके होरी का मानना है कि जो लोग अपने काम में निरंतर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता रखते हैं, वे उच्च गुणवत्ता वाली नींद से अधिक लाभान्वित होते हैं। उनका कहना है कि डॉक्टरों और फायरफाइटर्स जैसे पेशेवरों को कम नींद में भी अच्छा काम करना पड़ता है।

दाइसुके होरी की दिनचर्या

दाइसुके होरी ने अपनी दिनचर्या को इस तरह से व्यवस्थित किया है कि वे केवल 30 मिनट की नींद के बाद भी ऊर्जावान महसूस करते हैं। उनका कहना है कि वे नियमित रूप से व्यायाम करते हैं और कैफीन का सेवन करते हैं ताकि उनींदापन को दूर रखा जा सके। उन्होंने 2016 में जापान शॉर्ट स्लीपर्स ट्रेनिंग एसोसिएशन की स्थापना की, जहां वे लोगों को कम नींद में भी स्वस्थ रहने के तरीके सिखाते हैं। 

दाइसुके होरी

विशेषज्ञों की राय

हालांकि दाइसुके होरी का दावा बहुत ही आकर्षक लगता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। नींद विशेषज्ञों का कहना है कि पर्याप्त नींद न लेने से थकान, तनाव, वजन बढ़ना, मधुमेह, अल्जाइमर और हृदय रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

नींद की कमी के प्रभाव

नींद की कमी का शरीर और मस्तिष्क पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। यह Cognitive Functions को प्रभावित कर सकता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने और निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा, यह इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

क्या यह दृष्टिकोण सभी के लिए सही है?

हालांकि दाइसुके होरी का दृष्टिकोण उनके लिए काम कर सकता है, लेकिन यह सभी के लिए सही नहीं हो सकता। नींद की जरूरतें हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती हैं। अधिकांश लोगों को स्वस्थ रहने के लिए 7-8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।

दाइसुके होरी का का कहना है कि वह केवल 30 मिनट प्रतिदिन सोते हैं। उनके इस दावे ने लोगों के बीच एक नई बहस को जन्म दिया है। हालांकि उनका दृष्टिकोण उनके लिए काम कर सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। नींद की गुणवत्ता और अवधि दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार नींद लेनी चाहिए।

 

 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण):

पाठकों तक सटीक जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न तरीकों से रिसर्च करने के बाद इस लेख को लिखा गया है। लेकिन फिर भी इसमें त्रुटि संभव है यदि ऐसी कोई भी त्रुटि हो तो इसमें सुधार हेतु आप Contact us Page पर हमसे संपर्क कर सकते हैं। प्रस्तुत आलेख में दी गई जानकारी और तथ्यों की सटीकता या पूर्णता की जिम्मेदारी newsindiaportal.com की नहीं है। इसका अनुसरण करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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